मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जयंती,तारीख, इतिहास और महत्व |
मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जयंती,तारीख, इतिहास और महत्व
ये कहानी है एक ऐसे वीर योद्धा की जिसने अपने वीरता के दम पर मुगलो को अपना लोहा मनवाया। जिसको भुजाओ इतना ताकत था कि अगर वो युद्ध के मैदान पर जाते थे तो सामने वाला शत्रु खौफ में जीने लगता था। हा हम बात कर रहे हैं मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जो मेवाड़ के राजा उदय सिंह द्वितीय के पुत्र थे।महाराणा प्रताप जी को उनकी बुद्धि, उनके ताकत, उनके अद्भुत कौशल के लिए जाना जाता था। महाराणा प्रताप जी न केवल एक अच्छा योद्धा थे बल्की एक बहुत अच्छे राजा भी थे जो अपनी प्रजा का बहुत ख्याल रखते थे। तो दोस्तो आईये हम सब जानते हैं महाराणा प्रताप जी को उनकी जयंती पर।
महाराणा प्रताप का जीवन परिचय .....👉
पूरा नाम- महाराणा प्रताप
जन्म- 22 मई, 1540 ई.
जन्म- स्थान कुंभलगढ़ (राजस्थान)
मृत्यु- 29 जनवरी, 1597 ई.
राज्य सीमा- मेवाड़
राजघराना- राजपूताना
राजधानी- उदयपुर
महाराणा प्रताप जयंती.......👉
महाराणा प्रताप जयंती एक ऐसा दिन जिस दिन के आने से ही लोगो का मन उत्साह, उमंग से भर जाता है। महाराणा प्रताप जी तो वैसे ही राजस्थान से थे लेकिन इनकी जयंती हर जगह हर प्रांत में मनायी जाती है। महाराणा प्रताप जी की जयंती के दिन न केवल राजपूत बल्की हर समुदाय के लोग, हर जाति के लोग एक साथ मिल कर बड़े ही उत्साह और गौरव के साथ महराणा प्रताप जयंती मनाते हैं। महाराणा प्रताप जी एक ऐसे योद्धा थे जिन्होन भारत को मुगलो से आजादी दिलाने में बहुत ही महतवूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी जयंती पर लोगों को उनके साहस के, कौशल और उनकी बहादुरी को सम्मान देने के लिए इकट्ठे होते हैं। जिन्होंने अपनी मातृभूमि को मुगलो से मुक्त रखने रखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ी थी।
महाराणा प्रताप का इतिहास....👉
महाराणा प्रताप जी का जन्म 22 मई को माना जाता है और कई जगह पर 9 मई भी दिया हुआ है। महाराणा प्रताप अपने भाई और बहनों में सबसे बड़े और होशियार भी थे। उनके पिता जी के देहांत के बाद राजपूत दरबारियों ने महाराणा प्रताप जी को ही राजा मान लिया था। महाराणा प्रताप एक बहुत ही अच्छे राजा थे जो अपनी प्रजा का ख्याल रखते थे और उन्हें मुगलों के खराब बरताव से दूर रखते थे। महाराणा प्रताप और मुगल शासक अकबर जिस युद्ध में लड़े उस युद्ध को आज हम हल्दीघाटी के युद्ध के नाम से जानते हैं। इस युद्ध को मुगल शासक अकबर ने जीता था लेकिन मुगलों ने राजपूत राजा महाराणा प्रताप को पकड़ नहीं पाए थे।
महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक घोड़ा.....👉
बात अगर उठी है महाराणा प्रताप के जयंती की, जीवन के परिचय की तो उनका ये परिचय चेतक घोडे के बिना अधूरा है। दोस्तो जब जब बात महाराणा प्रताप की आएगी तब तक बात उनके वफादार घोड़े चेतक का नाम भी आएगा। चेतक एक ऐसा घोड़ा था जो इतना तेज़ और इतना शक्तिशाली था कि उसे पकड़ पाना नामुमकिन ही था। ऐसा कहा जाता है कि एक बार चेतक ने अपने राजा की जान बचने के लिए 26 फीट लंबी छलांग लगा दी थी एक नाले के ऊपर से।आज भी चेतक की समाधि हल्दीघाटी के मैदान पर बनी हुई है।
रण-बीच चौकड़ी भर-भरकर चेतक बन गया निराला था। राणा प्रताप के घोड़े से¸ पड़ गया हवा को पाला था।
महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो का...👉
महाराणा प्रताप इतने बलशाली और इतने वीर योद्धा कि आप इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगा सकते हैं कि उनका भाला 81 किलो का और उनके छाती का कवच 72 किलो का था। कहा जाता है कि उन्होंने युद्ध के दौरान अपने परिवार को घास की रोटी बना कर खिलाई थी लेकिन मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके थे।
महाराणा प्रताप जयंती मुख्य रूप से राजस्थान विशेष रूप से चित्तौड़, उदयपुर और जयपुर में मनाई जाती है। लेकिन अब ये जयंती पूरे देश में मनाई जाति है। महाराणा प्रताप जयंती उनके वीरता,कौशल ,बहादुरी और अपराजय साहस को सम्मान देने के लिए मनाई जाती है। महाराणा प्रताप जयंती के प्रमुख आकर्षण👉
1 :- जुलूस
महाराणा प्रताप जयंती के दिन भारी मात्रा में लोग मिलकर एक जूलूस निकलते हैं और पूरे शहर में लोगो को साथ में शमिल करते हैं। लोगो के एक साथ मिल जाने के बाद सभी लोग महाराणा प्रताप जी की मूर्ति के सामने उन्हें याद करते हैं उनके लिए देशभक्ति के गाने गाते हैं। लोगो द्वारा देशभक्ति गाने गए जाते हैं और साथ में गानो पर नाचते हुए भी दिखते हैं।
2 :- सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस दिन महाराणा प्रताप जयंती पर स्कूल में बच्चों के द्वार उनके जीवन शैली पर सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। कोई बच्चा महाराणा प्रताप बनता है और उनके चरित्र को सबके सामने प्रकट करता है। युवाओं द्वारा हर जगह नाटक, लोगो को जागरुक करना और लोगो को साथ मिलाना आदि कार्यकम किए जाते हैं। स्थानिय लोगो द्वारा वाद विवाद का भी कार्यक्रम किया जाता है।
3 :- मुख्यमंत्री का भाषण
इस दिन राज्य के मुख्यमंत्री द्वार महाराणा प्रताप को याद किया जाता है और भरी मंच पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। उनके द्वार लोगो को महाराणा प्रताप जी के जीवन की बहादुरी और उनके एक अच्छे राजा बनने की कहानी को बताता जाता है। वो ये भी बताते हैं कि आज के समय में लोग उनके जैसे कैसे बने।
4 :- प्रदर्शनी
इस दिन हर जगह, हर राज्य में महाराणा प्रताप के जीवन, जिंदगी पर लोगो द्वारा प्रस्तुति बनाई जाती है और प्रस्तुति के द्वार उनके चरित्र और उनके जीवन को लोगो के सामने प्रस्तुत करते हैं।
महाराणा प्रताप जयंती का महत्व....👉
महाराणा प्रताप जयंती का बहुत ही जायदा महत्व है, लोगो को उनकी बारे में जानना चाहिए और उनकी तरह बनना चाहिए। लोगो के ऊपर उनके चरित्र का बहुत अच्छा असर पड़ता है जिससे वो लोग एक अच्छे इंसान बन सकते हैं।
Great one 👍
ReplyDeleteThanku .....🤓
DeleteNice🥳
ReplyDeleteThanks🙈
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