कंगारूओ का जब घमंड टूटा....

कंगारूओ का जब घमंड टूटा....😎

 ये बात है 2022 की जब भारत टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थी और अपने पहले ही टेस्ट मैच के दूसरे पारी में केवल 36 रन पर ही सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में मिली इस हार के बाद क्रिकेट के पंडित कहे जाने वाले लोगो में एक अलग ही बात चलने लगी थी कि टीम भारत के पास अब कुछ नहीं बचा। बड़े बड़े दिगज जिनका क्रिकेट के दुनिया में बहुत बड़ा नाम था उनका काम बस इंडिया को ट्रोल करना था उनके द्वारा टीम इंडिया अब खत्म हो चुकी थी हर कोई टीम इंडिया का बस मजाक बना रहा था। लेकिन इन क्रिकेट के पंडितो को कहा पता था कि कहानी तो अभी शुरू हुई है। कुछ ऐसे ही मजाक और मेम्स के बीच मालबोर्न में पलटवार होता है और सिडनी का मैच ड्रॉ हो जाता है। लेकिन अब बारी थी गाबा की जिसे कंगारूओं का घमंड कहा था वह एक ऐसा मैदान जहां कंगारू पिचले 32 सालो से अपराजय थी और टीम इंडिया का आखिरी मैच होने वाला था। एक तरफ की टीम ऑस्ट्रेलिया घमंड में था कि गाबा में टीम ऑस्ट्रेलिया कोई हरा नहीं सकता और दूसरी तरफ टीम इंडिया इस फिराक में थी कि ऑस्ट्रेलिया का ये घमंड कैसे तोड़ा जाए। टीम इंडिया के गाबा पंहुचते पंहुचते टीम इंडिया के बहुत से खिलाड़ी घायल हो चुके जिनमे अश्विन, बिहारी, बुमराह जैसे खिलाड़ी के नाम शामिल थे| टीम इंडिया के आधे खिलाड़ी तो अस्पताल पहुंच चुके थे। इस मुश्किल के घड़ी में टीम इंडिया की कमान रहाने के हाथों में सोपी जाति है। ये वक्त ऐसा था कि अब टीम इंडिया के पास उनके चुने हुए गेंदबाज नहीं, जो टीम इंडिया के नेट गेंदबाज अब वही टीम इंडिया के मुख्य गेंदबाज बन गए। 



तो चलिये मैं आपको उस इतिहास से परिचय करवाता हूँ जहाँ पर टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के घमंड को तोड़ा था। 


गाबा के उस मैदान पर फिर से दोनों कैप्टन आमने सामने टॉस के लिए थे। एक तरफ ऑस्ट्रेलिया के कप्तान जिनके चेहरे पर गाबा का घमंड था तो दूसरी तरफ इंडिया के कप्तान जिनके चेहरे पर गाबा के घमंड को तोड़ने की लालसा थी। दोनों कैप्टन के बीच सिक्का उछाला जाता है और सिक्का कंगारू के पक्ष में गिरता है। टीम ऑस्ट्रेलिया टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी चुनती है। टीम ऑस्ट्रेलिया में बस एक बदलाओ होता है तो दूसरी तरफ टीम इंडिया में 4 बदलाव होते हैं।टीम इंडिया के मुख्य खिलाड़ी के चोटिल हो जाने के बाद टीम इंडिया के पास बस उनका होसला ही बचा हुआ था। अब टीम इंडिया में अब ऐसे खिलाड़ी जो अपना पहला टेस्ट खेले जा रहे थे। सीरीज के हर मैच की तरह कंगारू की ओपनिंग बल्लेबाजी अच्छी नहीं हुई और वार्नर सिराज के हाथ अपना 4 के निजी स्कोर पर अपना विकेट सिराज के हाथो में दे बैठे। अभी स्कोर थोड़ा आगे बढ़ा ही था कि ऑस्ट्रेलिया के दूसरे ओपनर का विकेट गिर जाता है शार्दुल ने अपने पहले ही ओवर में भारत को दूसरा विकेट दिलवा दिया।अब् मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन मोजूद थे दोनो बल्लेबाज अब टीम इंडिया के सर दर्द बनने के लिए तैयार थे लेकिन इस समस्या का समाधान भी कप्तान रहाणे के पास था कप्तान रहाणे ने गेंद वाशिंगटन सुंदर के हाथों में देते है और सुंदर ने कप्तान को निराश नहीं किया और स्मिथ का विकेट लिया लेकिन इसके बाद रहाणे की एक गलती ने टीम इंडिया को देहला कर रख दिया उनसे मार्नस लाबुशेन का कैच छूट जाता है मैं और मार्नस लाबुशेन ने इस मोका का इतना फ़ायदा उठाया जैसा उनके पास अब गलतियों की कोई गुंजाइश ही नहीं थी पहले उनका अर्धसतक आता है फिर उनका शतक। ऑस्ट्रेलिया का जो स्कोर 93-3 था वही स्कोर अब 200-3 हो चूका था। इस मुश्किल के घड़ी में कप्तान रहाणे ने बॉल नटराजन के हाथों में थमाई और नटराजन ने पहले मार्नस लाबुशेन का विकेट लिया और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के विकेट गिरते गए. देखते ही देखते ऑस्ट्रेलिया बैकफुट पर थी लेकिन फिर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान और कैमरून ग्रीन ने ऑस्ट्रेलिया की कमान अपने हाथों में संभाली। पहला दिन खत्म होने के बाद ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 274-5 था।

दूसरा दिन......😯

दूसरे दिन के शुरू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया अच्छी स्थिति में थी ऑस्ट्रेलिया के कप्तान का अर्धशतक आ चूका था। एक बार फिर वाशिंगटन और शार्दुल के हाथ में बॉल थमाई जाती है शार्दुल ने पहले ऑस्ट्रेलिया के कप्तान का शिकार किया उसके बाद वाशिंगटन ने केमरून ग्रीन का शिकार किया कंगारू का जो स्कोर 300-5 था वहीं स्कोर 317-8 हो चुका था। लास्ट में आते आते कंगारू का स्कोर 371-10 होता है। टीम इंडिया के गेंदबाज अपना काम कर चुके थे अब बारी थी भारत के बल्लेबाजों की। भारत के बल्लेबाजी की शुरुआत हिटमेन रोहित और शुभमन गिल करते हैं। टीम इंडिया की ही तरह भारत की शुरुआत अच्छी नहीं होती है और भारत को पहला झटका 11 के स्कोर ओर और दूसरा झटका हिटमैन के रूप में 60 के स्कोर पर लगता है और बारिश की वजह से दूसरे दिन का खेल रुक चुका था।

तीसरा दिन.....😁

तीसरे दिन के सुरुआत में रहाणे और पुजारा ने थीम इंडिया को एक अच्छी सुरुआत दी लेकिन हेजलवुड ने पुजारा का शिकार किया जिसके बाद टीम इंडिया की उम्मीद टूट गई। अभी टीम इंडिया के स्कोर में थोड़ा इजाफा होता ही है कि 144 के स्कोर पर टीम इंडिया के कप्तान का विकेट भी गिर जाता है शुरुआत तो हर खिलाड़ी अच्छा कर रहा था लेकिन कोई वी अपने स्कोर को आगे नी बढ़ा पा रहा था 186 का स्कोर आते आते आधी से जड़ टीम पवेलियन में बैठी हुई थी। टीम ऑस्ट्रेलिया का घमंड इस समय पर अपने चरम पर था और भारत की तरफ से 2 ऐसे बल्लेबाज बेटिंग कर रहे हैं जो अपना पहला टेस्ट खेल रहे वाशिंटन और शार्दुल। दोनो बल्लेबाजो ने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के नाक में दम कर दिया जो स्कोर 186-6 था वही स्कोर अब 250-6 था दोनो अपने ही हिसाब से बल्लेबाजी कर रहे थे और ऑस्ट्रेलिया के हर सवाल का जवाब दे रहे हैं। दोनों बलोबाजो का अर्धसतक आ चूका था और इसके बाद शार्दुल एक बड़े शॉट के चक्कर में अपना विकेट गावा बैठते हैं लेकिन उनसे अपना काम कर दिया था तीसरे दिन के खेल खतम होते हैं टीम इंडिया का स्कोर 336-10 था। 

चौथा दिन.....😄


तीसरे दिन के खेल खत्म होने के बाद ये तो पता हो गया था कि ना तो टीम इंडिया हार माने को तैयार थी और नहीं टीम ऑस्ट्रेलिया। ऑस्ट्रेलिया अपने घमंड को बनाए रखना चाहता थी और टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के उस घमंड को तोड़ना चाहता है। ऑस्ट्रेलिया अच्छी शुरुआत कर चुकी थी लेकिन वाशिंगटन और सुंदर ने दोनों ओपनर्स का अपना शिकार बनया। अब मैच मी मौजूद द स्मिथ और मार्नस लाबुशेन दोनो को रोकने के लिए टीम इंडिया में सिराज नमक आंधी तैयार हो रहा था। इस सिराज नामक आंधी ने अपने खाते में 5 कांगरूओ का विकेट ले लिया और बाकी बचा हुआ काम शार्दुल कर रहे थे। टीम ऑस्ट्रेलिया सर्फ 329 रन हाय बना पाते है। ये खेल आसन नहीं होने वाला था एक तो ये गाबा मैदान और टेस्ट क्रिकेट का 5वां दिन था। कंगारूओ को अपना घमण्ड बनाए रखना था जिसके लिए उन्हें मदद कर रही थी 5वे दिन के ये विकेट। पिच की लंबी डरारे ऑस्ट्रेलिया के खिलाडिय़ों के चेहरे पर मुस्कान ला रही थी।

पांचवां दिन......


टीम इंडिया अपना पहला विकेट केवल 18 के स्कोर पर गावा देती लेकिन इसके बाद पुजारा और गिल मिल कर टीम इंडिया की गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं।दोनो अपने अपने अंदाज में खेल रहे हैं। पहला सेशन खतम होने के बाद इंडिया का स्कोर 83-1 था और दूसरे सेशन में दोनो बल्लेबाज़ ये दिखाते हैं कि टीम इंडिया को ये मैच हर हाल में जीतना ही था और दोनो ने ऑस्ट्रेलिया के बॉलर्स पर अक्रमण करना स्टार्ट कर दिया। लियोन ने गिल का विकेट चटका लिया। गिल के विकेट गिर जाने के बाद कप्तान रहाणे बल्लेबाजी के लिए आते हैं लेकिन ज्यादा देर तक वो बल्लेबाजी कर नहीं पाते हैं और कमिंस को विकेट दे बैठते हैं। इसके बाद ऋषभ पंत बलेबाजी के लिए आते हैं और ऑस्ट्रेलिया के हर आक्रमण का जवाब देते और अपने ही अंदाज में जो इनका अंदाज है अपनी धुआंधार बल्लेबाजी के उसी अंदाज में बल्लेबाजी करते हैं। आखिरी दिन का दूसरे सत्र के बाद टीम इंडिया का स्कोर 183-3 था। तीसरा सत्र में सब कुछ अच्छा चल रह था भारत का स्कोर धीरे धीरे आगे बुरा रहा था अब भारत को केवल जीत के लिए 100 रन और चाहिए तब कमिंस ने पुजारा का शिकार कर लिया। ऋषभ पंत अपने ही अंदाज में खेल रहे थे और उनकी 50 आ चुकी थी अब भारत को जीतने के लिए 16 ओवर 74 रन्स की जरूरत थी। पुजारा के बाद मयंक भी टीम इंडिया का हंसा देर तक साथ ना दे सके और अपना विकेट गावा बैठे। वाशिंगटन और पंत ने फिर एक बार टीम इंडिया को संभला और टीम इंडिया को जीत की तरफ ले जा रहे थे जब टीम इंडिया को जीतने के लिए 10 रन की जरूरत थी तब वाशिंगटन का विकेट गिर जाता है। अब स्ट्राइक पर ऋषभ पंत और उनके इस एक शॉट से टूट जाता है ऑस्ट्रेलिया का वो घमंड जो पिचले 32 सालो से था। हा आख़िरकार टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के वो घमण्ड तोड़ दिया और क्रिकेट के पंडित कहे जाने वाले लोगो का मुह बंद कर दिया अपने इस जीत के साथ 😊

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