(आईपीएल) इंडियन प्रीमियर लीग एक पैसे का बाजार.....? कहां से कामता है टीम मलिक इतने पैसे और कैसे उनकी टीमों के हारने के बाद भी उन्हें होता है फायदा.....?




 इंडियन प्रीमियर लीग एक पैसे का बाजार.....? कहां से कामता है टीम मलिक इतने पैसे और कैसे उनकी टीमों के हारने के बाद भी उन्हें होता है फायदा.....?✌


भारत में आईपीएल एक खेल नहीं बल्की एक त्योहार है और इस त्योहार का इंतजार पूरा भारत ही नहीं बल्की पूरा क्रिकेट जगत करता है। आईपीएल का क्रिकेट जगत में एक अलग ही बात है इसमें क्रिकेट के साथ साथ, डांस,फुल ऑफ कलर्स,एक्शन और ग्लैमर का तड़का शमिल है।विदेशी प्लेयर्स के लिए भारत तो दूसरा घर बन गया है, आईपीएल का सीजन आते ही विदेशी प्लेयर्सअपने परिवार के साथ के 2 महीने की पिकनिक पर भारत आ जाते है। इसीलिये शायद इज इंडियन प्रीमियर लीग की जगह इंडियन प्रीमियर परिवार और इंडियन पैसा बाजार भी कहा जाता है। ऐसे में सवाल ये उठाता है कि भारत के इस त्योहार को मनाने के लिए कितना पैसा आता है और टीमों के मालिक इतना पैसा कैसे कमाते हैं। आइए जानते हैं आईपीएल एक पैसे के बाजार को....😊


 बीसीसीआई आईपीएल से पैसे कैसे कमाती है...?


आईपीएल का क्रिकेट की दुनिया में बहुत बड़ा नाम हो गया है लोग अपनी टीम को सपोर्ट करते हैं और उनका मैच बड़े ही आनंद के साथ से देखते हैं। आईपीएल में कोई एक या दो नहीं बल्की इनकम के बहुत से सोर्स है। आईपीएल में बहुत ही पैसा है और ये पैसा मिडिया राइट्स और दूसरा टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स, इसे बीसीसीआई और टीमो को अपने प्रॉफिट का 70% हिस्सा प्राप्त होता है।



टीमो के इनकम के सोर्स में मीडिया राइट्स का कितना बड़ा हाथ...?


मीडिया राइट्स यानी कौन सा चैनल आईपीएल को टेलीविजन पर दिखाएगा। सरल भाषा में कहे तो कुछ टेलीविजन चैनल होते हैं जो बीसीसीआई को पैसे चुकाने अपने चैनल पीआर आईपीएल का लाइव प्रसारण करती है। ये टेलीविजन चैनल भारी मात्रा में पैसे देकर मीडिया राइट्स खरीदती है। बीसीसीआई को इससे बहुत बड़ा फायदा होता है जो कि बीसीसीआई इनकम का आधा हिस्सा अपने पास रखती है और आधा हिस्सा सारे ही टीमो के मलिको के बीच बरबार बांट दिया जाता है। सबसे पहले आईपीएल के मीडिया राइट्स को सोनी ने लिया था। आईपीएल का पहला सीजन यानि की 2008 में सोनी ने इसे अगले 10 सालो के लिए खरीद लिया था। सोनी के लिए ये मीडिया राइट्स लेने का निर्णय सही साबित हुआ और जो सोनी उस समय पर घाटे पर चल रही थी उपयोग बहुत जायदा प्रॉफिट हुआ। सोनी ने 2008 में करीब आईपीएल के मीडिया राइट्स को 8200 करोड़ में खरीदा था। सोनी के 10 साल होने के बाद से यानी की साल 2018 के बाद से 2023 तक आईपीएल के मीडिया राइट्स स्टार इंडिया के पास है।


आईपीएल में टाइटल स्पॉनसरशिप से टीमो को क्या फ़ायदा होता है...?


बड़ी बड़ी कंपनी आईपीएल में अपने ब्रांड के नाम को दिखाने के लिए बोली लगाती है जो जितना ज्यादा बोली लगाती है उसी कॉमी को आईपीएल में अपने ब्रांड के नाम को दिखाने के लिए अधिकार प्राप्त होता है। सरल शब्दो में कहे तो बड़ी बड़ी कंपनी क्रिकेट के माध्यम से अपना ब्रांड प्रचार करती है। जैस डीएलएफ आईपीएल, वीवो आईपीएल, टाटा आईपीएल आदि। फिल्हाल अभी आईपीएल की टाइटल स्पॉनसरशिप टाटा के पास है और टाटा ने इसे 2 सालों के लिए 670 करोड़ में खरीदा था। बीसीसीआई ने 2022-2023 के बीच में करीब 1120 करोड़ की कमाई करेगा। बीसीसीआई को टाइटल स्पॉनसरशिप से जो फ़ायदा होता है उसमें से बीसीसीआई आधा अपने पास रखती है और आधा सारे टीमो के बीच बराबर बराबर बांट देता है।

आईपीएल की दुनिया में कमर्शियल एड और किट स्पॉन्सरशिप से क्या फ़ायदे ....?

जब आईपीएल खेला जाता है तो करोड़ों की मात्रा में क्रिकेट प्रीमियर मैच को बड़े ही ध्यान से देखते हैं। क्रिकेट के इस खेल में जब भी एक ओवर पूरा होता है तो उसके बीच में 10- 15 सेकेंड का विज्ञापन दिखाया जाता है और इसी विज्ञापन में छोटे से छोटे और बड़े से बड़े विज्ञापन दिखाए जाते है। जैसे कभी सॉफ्ट ड्रिंक तो कभी स्नैक्स और कभी कभी तो क्लॉथ कंपनी भी अपना विज्ञापन दिखाती है। विज्ञापन से में बीसीसीआई को क्या 10 से 15 सेकेंड का विज्ञापन के एक स्लॉट के लिए करीब 15 लाख तक पैसे मिलते हैं। जो बीसीसीआई को करीब 20% का प्रॉफिट देता है। यह तक के क्रिकेटर्स के जो टोपी, हेलमेट, टीशर्ट, दस्ताने होते हैं और तो और स्टंप्स अंपायरों के ड्रेस में बने लोगो से भी बीसीसीआई बहुत पैसा कमाता है।



इसके अलावा भी और कहा कहा से टीमो के मालिको और बीसीसीआई को प्रॉफिट होता है...?


हर साल जब आईपीएल का मैच क्रिकेट ग्राउंड में होते हैं तो क्रिकेट प्रीमियर मैच का आनंद लेने के लिए ग्राउंड पर लाइव मैच देखते जाति है। जिसके किए उन्हें टिकट खरीदना पड़ता है। मैच की टिकट बेच कर करीब हर साल 1 मैच से 5 से 6 करोड़ तक कमाई हो जाती है और जिस टीम के होम ग्राउंड पर ये मैच हो रहा होता है उस टीम को मैच टिकट से कमाए हुए प्रॉफिट का 80% दिया जाता है। कभी कभी ये भी देखा जाता है कि जिस जगह पर मैच हो रहा है वहां के लोकल किस टीम को सपोर्ट कर रहे हैं, जिस टीम को सपोर्ट किया जाता है उस टीम को प्रॉफिट का जायदा हिस्सा दिया जाता है। उसइसके बाद आता है प्राइजमनी, जो टीम मैच जीतती है उस टीम के प्लेयर्स को आधा पैसा दे दिया जाता है और आधा पैसा कंपनी अपने पास रख लेती है।





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